महाराष्ट्र और गुजरात के 24 ठिकानों पर ED की छापेमारी, वोट जिहाद के नाम पर फर्जी खाता खोलने की साजिश

Thu 14-Nov-2024,02:19 PM IST +05:30

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महाराष्ट्र और गुजरात के 24 ठिकानों पर ED की छापेमारी, वोट जिहाद के नाम पर फर्जी खाता खोलने की साजिश ED की छापेमारी
  • ईडी के सूत्रों के मुताबिक ये छापेमारी विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी और अवैध तरीके से बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने के मामले में की जा रही है।

  • ऐसे मामलों में बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर जन प्रतिनिधित्व और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया गया था।

  • इन छापेमारी के दौरान विभिन्न दस्तावेज और सबूत इकट्ठे किए गए हैं जो जांच की दिशा में अहम हो सकते हैं।

Maharashtra / Mumbai :

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र और गुजरात में "वोट जिहाद" से जुड़े साजिश के मामले में 24 स्थानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी मुख्य रूप से फर्जी KYC के जरिए फर्जी बैंक खाते खोलने और इन खातों का कथित रूप से चुनावी हस्तक्षेप और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग करने के आरोपों पर केंद्रित है। इस मामले में दावा किया गया है कि चुनावों को प्रभावित करने के इरादे से फर्जी दस्तावेजों और नकली खातों के जरिए बड़े पैमाने पर धन का अवैध हस्तांतरण किया गया है।

इस साजिश का उद्देश्य महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में स्थानीय चुनावों में मतदाताओं की दिशा को प्रभावित करना बताया गया है। ‘वोट जिहाद’ की इस चर्चा ने हाल ही में महाराष्ट्र में राजनैतिक माहौल को और अधिक गरमाया है, जहां कई नेताओं ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि जाली दस्तावेजों और फर्जी खातों का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल किया गया है, जिसके तहत बिना सत्यापित KYC के नकली खाते खोले गए और संभावित तौर पर इनका उपयोग चुनावी धन को छिपाने के लिए किया गया।

ईडी के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी महाराष्ट्र और गुजरात के कई मुख्य जगहों पर चल रही है। अहमदाबाद में 13 जगहों पर, सूरत में 3, मालेगाव में 2, नासिक में 1 और मुंबई में 5 जगहों पर एक साथ छापेमारी की गई है।

इस मामले को लेकर जांच एजेंसी ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत हाथ लगे हैं जो जांच की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है उन्हें भी जांच में शामिल किया जाएगा। चुनाव आयोग भी इस पर नजर बनाए हुआ है और इस तरह के मामलों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का संकल्प किया है।